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संवाद प्लस।

श्री अग्रवाल समाज समिति जयपुर का अग्रसेन जयंती महोत्सव 2024 सोमवार 7 अक्टूबर को समापन समारोह के साथ संपन्न हुआ। एक प्रश्न जो अग्रवाल समाज में बड़ा ही चर्चा का विषय रहा वो है जयंती का समर्थन और विरोध ! विरोधी कह रहे है शोभायात्रा फीकी रही कुर्सियां खाली रही आपसी मतभेद रहे कुल मिलाकर आयोजन फीका रहा❓आश्चर्य इस बात का है कि आयोजन करने वाले भी अग्रवाल और विरोध करने वाले भी अग्रवाल…जबकि उत्सव स्वयं अग्रकुल के पितामह कहे जाने वाले महाराजा अग्रसेन का!
अब प्रश्न उनसे की विरोधी विरोध किसका कर रहे थे समिति का या धर्म प्रवर्तक अग्रसेन जी का❓
प्रत्येक अग्रबन्धु को ये समझना चाहिये की चुनाव व ग्रुप केवल मतदान तक ही रहे तो समाज का उत्थान सम्भव है।


समाज के कई लोगों के पास सवाल भी कई है तो जवाब भी कई है। लेकिन समाज का सफल प्रबंधन सवाल -जवाब से नहीं हो सकता वरन मतभेदों को भुलाकर या टेबल टॉक से ही हो सकता है।
मंच माला पद को एक ओर रखकर ही समाज को सही दिशा दी जा सकती है।
लगभग 70 वर्ष के हो चुके चंद्र प्रकाश भाड़ेवालों पर यूं तो कई प्रश्न चर्चा के विषय है लेकिन समाज ये भी स्वीकार करता है की इस उम्र में भी वे जिस ऊर्जा से समाज के लिए कार्यरत है उसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
ये सच है कि समाज इस समय चुनाव के चक्रव्यूह में फसा है लेकिन इस बात से समाज के उत्थान, सामुदायिक भवन निर्माण कार्य व उत्सव के कार्य तो नहीं रोके जा सकते❗
मेरा अनुभव भी यही कहता है जो लोग अदालत में समाज को न्याय के लिए लेकर गए है वे एक बार विचार करें व आपसी समझ के साथ समाज की अदालत कही जाने वाली महाराजा अग्रसेन की अदालत में बैठकर ऐसे कुछ विषय जिनका समाधान सम्भव है उनका हल निकालने की पहल करें।


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