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तर्क ये है ― जब तक मंदिर के गर्भगृह जहां अखण्ड ज्योत व किसी भी देवी देवता का विग्रह स्थापित है उसे मंदिर विस्तार या जीर्णोद्धार के लिए नहीं छेड़ा गया हो तब मंदिर को आम दर्शनार्थ खोले जाने को लेकर किसी भी तिथि वार नक्षत्र आदि का दोष नहीं लगता। पूर्व में भी कई बार सूचना के साथ मन्दिर को एक दो दिन के लिए बंद करके खोला गया है।


धर्म का तर्क लोकेन्द्र शर्मा की कलम से
संवाद प्लस
राजस्थान का सबसे ज्यादा चर्चित देवस्थान खाटू श्याम जी पिछले एक महीने से श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ बंद किया हुआ है। ऐसे में बाबा श्याम के प्रेमियों में एक ही सवाल चर्चा का विषय बना हुआ है।

मंदिर कब खुलेगा

संवाद प्लस टीम ने इस विषय पर कई विद्वानों मठाधीशों संतो महंतों से ये जानना चाहा कि क्या मंदिर मल मास में खोला जा सकता है तब सभी ने निष्कर्ष रूप में एक ही बात कही…
मंदिर खोला जा सकता है क्योंकि मंदिर के गर्भ गृह के बाहरी भाग पर कार्य किया गया है। मंदिर की सेवा पूजा यथावत हो रही है। प्रभु श्याम पहले जहां विराजित थे अब भी वहीं है ऐसे में मंदिर तो खुला ही हुआ था केवल कार्य प्रगति की वजह से आम दर्शनार्थ बंद किया गया था। यहां ये भी ध्यान देने योग्य है कि पहले भी कई बार मंदिर को एक दो दिनों के लिए पूर्व सूचना देकर बंद किया जा चुका है अतः मंदिर को खोलने हेतु वर्तमान में केवल वितर्क दिए जा रहे है जो अर्थहीन ही है।
हालाकि मंदिर कब और कैसे खोलना है ये प्रशासन से चर्चा के बाद मंदिर प्रबंधन के अधिकार क्षेत्र का मामला है। जिस पर अंतिम निर्णय परिस्थियों को देखकर मंदिर प्रबन्ध ही लेगा। लेकिन इस क्रम में भक्तों की आस्था को भी सम्मान मिले इस बात को किसी भी निर्णय में महत्व अवश्य दिया जाना चाहिए।
मेरा देवस्थान का अनुभव कहता है कि मंदिर को शिघ्र 23 दिसम्बर से 27 दिसम्बर के बीच बाबा का तिलक करके खोल दिया जाना चाहिए।

सूत्रों के अनुसार नए वर्ष में मंदिर नहीं खुलने की स्थिति में भी कई धर्मशाला होटल लाज आदि ने बुकिंग शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि मंदिर नहीं खुला तो भी भक्त बाहर से ही धोक लगाने हेतु बड़ी संख्या में खाटू आ सकते है! ऐसे में प्रशासन व मंदिर कमेटी को इस बाबत शीघ्र कोई सूचना अवश्य जारी करनी चाहिए जिससे असमंजस की स्थिति ना रहे।


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