लोकेन्द्र शर्मा की कलम से✍🏻
आज खाटू श्याम जी में अतिक्रमण को लेकर जिस तरह की कार्यवाही की गई उससे कई ग्रामवासी व धर्मशाला निर्माण संस्थाओं द्वारा कई प्रश्न चर्चा के विषय बने हुए है।
कोई स्टे की बात कर रहा है तो कोई मंदिर कमेटी को इस कार्यवाही हेतु जिम्मेदार बता रहा है…कोई कह रहा है यहां ग्रामवासियों के साथ हमेशा से ही धोखा होता आया है।
पहले पवन पुजारी के साथ लगे ग्रामवासियों का कहना है हमने ऐसी तोड़ फोड़ पर उनका साथ दिया लेकिन आज हमारे साथ कोई नहीं है। इसी प्रकार कुछ दिनों पहले मंदिर कमेटी के लिए भी जो ग्रामवासी खड़े हुए थे उनके मन में भी बड़ा आक्रोश देखा जा रहा है…इस घटना को लेकर कुछ ग्रामवासी मंदिर व पवन पुजारी को जिम्मेदार ठहरा रहे है❗लेकिन मेरा अनुभव कहता है इस प्रशासनिक कार्यवाही के लिए ना मंदिर कमेटी जिम्मेदार है ना पवन पुजारी। ये कार्यवाही तो एक दिन होनी ही थी क्योंकि 8 अगस्त की घटना ने सबको झंझोड़ कर रख दिया था। अब यदि रास्ते बड़े हो रहे है तो विश्वास भी किया जा सकता है कि खाटू का लोकल व्यापार भी बढ़ेगा और धार्मिक नगरी का विकास भी होगा। पर्यटन बढेगा यात्री बढ़ेंगे तो स्वाभाविक है रोजगार भी बढेगा।
अतः एक दूसरे पर दोषारोपण करने से ज्यादा जरूरी है कि ग्राम विकास के बढ़ते कदमों में कदम से कदम बढ़ाया जाए।