संवाद प्लस
लोकेन्द्र शर्मा की कलम से ✍🏻
राजस्थान का एक मात्र धार्मिक स्थल जहां आजकल भक्तों का अनवरत तातां लगा रहता है दिनांक 13 नवम्बर रात्रि 10 बजे से आम दर्शनार्थ पट मंगल(बंद)कर दिए गए है।
मंदिर कमेटी और प्रशासन इस निर्णय के लिए बधाई के पात्र है…क्योंकि ऐसा निर्णय जितना देर से लिया जाता उतना ही किसी दूसरी घटना का अंदेशा बना हुआ था।
आज जो कार्यवाही आप देख रहे है पढ़ रहे है उसका सुखद परिणाम भी आप जल्द ही देखेंगे।
मेरा अनुभव कहता है मंदिर को 5 से 7 चरणों (फेज) में बंद करके काम किया जाना चाहिए।
अभी 10 दिनों के लिए ओर बाद में दशमी ग्यारस बारस शनिवार रविवार व नेशनल हॉलिडे पर किसी योजना के तहत बंद किया जाए तो बेहतर होगा।
यहां ध्यान ये भी दिया जाए कि यदि लंबे समय तक(लगभग) 2 -3 महीने बंद रखने की योजना पर कार्य किया जा रहा है तो फाल्गुन मेले से पूर्व अति आवश्यक कार्य जरूर सम्पन्न किये जायें ताकि मेला प्रभावित ना हो, हालांकि मंदिर विस्तार एक बड़ी योजना है जो महीनों में पूरी नहीं कि जा सकती इसमें कई वर्ष लग सकते है।
मेरी जानकारी में कुछ लोग इस कार्य में कई मसले व सवाल भी उठाएंगे।
जैसे पूरा कार्य किसी सरकारी अधिकारी की नियुक्ति के तहत व देखरेख में हो…पारदर्शिता का सवाल भी यहां अभी से चर्चा का विषय बन गया है।
इसलिए कुछ ही दिनों में सरकारी व प्रशासनिक कई आदेश सभी के सामने होंगे।
फिर भी श्याम प्रेमियों से मेरा यही कहना है की जो कार्य प्रारंभ हुआ है उसमें प्रशासन व मंदिर कमेटी को पूर्ण सहयोग करें ताकि ये चिर प्रतीक्षित स्वप्न साकार हो सके।