संवाद प्लस।
अभी हाल में ही प्रख्यात भजन गायक शीतल पांडे का एक नया भजन रिलीज हुआ है जिसे उन्होंने फिल्मी अन्दाज में शूट किया है,ऐसे में उनके द्वारा उस भजन में पहनावे को लेकर श्याम प्रेमियों द्वारा एतराज जताया जा रहा है।
शीतल पांडे से इस भजन फिल्मांकन को लेकर कई सवाल किए जा रहे है…जैसे
•एक तो गाना फिल्मी ऊपर से फिल्मांकन भजन भक्ति की गरिमा से हट कर क्यों?
• श्याम जगत को ऐसे भजन गायक गलत दिशा में लेकर क्यों जा रहे है?
• भजन भक्ति के ऐसे गिरते स्तर के लिए वो आयोजक संस्थाएं जिम्मेदार है जो इन्हें बुलाती है और लाखों रुपये देतीं है!
•कुछ का कहना है शीतल पांडे ऐसा जानकर कर रहे है ताकि उनकी चर्चा हो और उनकी TRP बाजार में बढ़े!
•क्या शीतल पांडे इसी पहनावे के साथ मंच पर भजन प्रस्तुति देते है !
इन सब सवालों पर संवाद प्लस टीम ने शीतल पांडे से जानना चाहा तो उन्होंने उत्तर दिया…
“मेरे चाहने वाले और मुझे पसंद करने वाले श्रोता 25 से 45 तक कि उम्र के है इसलिए ऐसा करने में ना मुझे कोई दिक्कत है ना मेरे चाहने वालों को। ऐसे में इस बात को तूल देना निर्थक है।”
संवाद प्लस का भी मानना है कि कोई गायक भजन फिल्मांकन के समय क्या पहनें क्या नहीं ये फिल्मांकन टीम और गायक का निजी मामला है जिस पर इतना शोर मचाना ठीक नहीं।
वैसे भी भजन देखने से ज्यादा सुने जाते है, अतः किसी भी भजन की लिरिक्स में यदि फूहड़पन हो तो कोई चर्चा या विरोध किया जा सकता है।
शीतल पांडे खुद कह रहे है कि पहले भी उन्होंने जितने भी भजन फिल्मांकन किये है उनके द्वारा कुर्ता पायजामा आदि पारंपरिक परिवेश ज्यादा नहीं पहना गया है…
ऐसे में हमारा मानना है कि ये उनकी निजता का मामला है जिसे इतना तूल देना ठीक नहीं है।