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महामहिम द्रौपदी मुर्मू ने किए बाबा खाटू श्याम के दर्शन, मंदिर की विजिटर बुक में लिखे अपने अनुभव

एयरफोर्स के Mi-17 हेलिकॉप्टर से खाटूश्यामजी पहुंचीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू। 30 से ज्यादा गाड़ियों का काफिला बाबा खाटू श्याम के दरबार पहुंचा।

सीकर के खाटू श्याम जी पहुंचीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बाबा श्याम के दर्शन किए। राज्यपाल कलराज मिश्र, मंत्री शकुंतला रावत भी इस दौरान उनके साथ मौजूद रहे।

भारत की राष्ट्रपति महामहिम द्रौपदी मुर्मू ने आज दोपहर करीब एक बजे सीकर जिले के खाटू श्याम जी पहुंचकर बाबा श्याम के दर्शन किए। इस दौरान उनके साथ राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र भी मौजूद रहे। जयपुर से इंडियन एयर फोर्स के mi-17 हेलिकॉप्टर से मुर्मू सीकर पहुंचीं। यहां से वे काफिले के साथ मंदिर पहुंचीं। मंदिर समिति ने उनका स्वागत किया। इसके बाद राष्ट्रपति ने पूजा-अर्चना की। इस मौके पर राज्यपाल कलराज मिश्र, सीकर सांसद सुमेधानंद सरस्वती और प्रभारी मंत्री शकुंतला रावत भी मौजूद रहीं।

30 से ज्यादा गाड़ियों काफिले में रही मौजूद
राष्ट्रपति के दौरे के चलते आज खाटू में पुख्ता सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। चप्पे-चप्पे पर पुलिस जाब्ता तैनात किया गया है। वे 30 से ज्यादा गाड़ियों के काफिले के साथ मंदिर पहुंचीं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बाबा श्याम के मंदिर में ही प्रसाद ग्रहण किया। इससे पूर्व उन्होंने मंदिर की विजिटर बुक में अपने अनुभव को भी लिखा।

जैसा की प्रचलन है बाबा के धाम पर कुछ भी हो लोग अपनी प्रतिक्रिया देते ही है

कुछ लोग दबे स्वर में कमरे के अंदर सवाल जवाब करते ही है…जैसे एक गायक ने राष्ट्रपति के आने का सारा श्रेय स्वयं पर ही ले लिया…और अब गायक द्वारा प्रचार किया जा रहा है कि उसी की मुलाकात के बाद ही राष्ट्रपति खाटू आईं है❗दूसरा प्रश्न मंदिर के भव्य श्रृंगार को लेकर किया जा रहा है। संवाद प्लस टीम ने ये दोनों सवाल मंदिर कमेटी के मंत्री श्याम सिंह जी से किये…
उनका कहना है”महामहिम का खाटू आना सभी श्याम प्रेमियों के लिए गर्व का विषय है और जहां तक उन्हें बुलाने की बात है तो बाबा शाम ने स्वयं उन्हें बुलाया है”सच भी है बाबा के दरबार वही आते है जिन्हें बाबा श्याम चाहते है। दूसरे प्रश्न मंदिर के श्रृंगार को लेकर उनका कहना था कि”जब भी कोई विशेष अतिथि हमारे घर भी आता है तो उसके लिए पलक पावने बिछाना राजस्थानियों की परम्परा रही है,इस क्रम में ये श्रृंगार श्याम प्रेमियों की और से महामहिम को आदर देने के उद्देश्य से ही कराया गया था” यहां श्रंगार के रूप में एक एक पुष्प में श्याम प्रेमी महामहिम का आदर कर रहे थे।उनका कहना था कि राष्ट्रपति का आना हमारे श्याम जगत के लिए गर्व का विषय होना चाहिए…जबकि कुछ लोग इस पर भी राजनीति कर रहे है,जो ठीक नहीं है✨

संवाद प्लस व्यू

हमारा मानना है कोई भी कलाकार या प्रेमी-भक्त यदि ऐसे गर्व करने लायक कार्य में भी अपनी वाही वाही लूटने का प्रयास कर रहे है मंदिर प्रबंधन के स्वागत सम्मान पर विपरीत प्रतिक्रिया दे रहे है तो ये ऐसे लोगो की छोटी मानसिकता की निशानी ही कहा जायेगा। हमारी नजर में फाल्गुन मेले(2023) के मंदिर श्रृंगार पर तंज कसना ठीक नहीं कहा जा सकता। कुल मिलाकर मंदिर कमेटी तो बाबा श्याम और उसके प्रेमियों के मध्य केवल प्रबंधकर्ता है…बाकी जो श्रेय लेना चाहते है या जो सवाल जवाब कर कर रहे है वो स्वतंत्र है कुछ भी कहने करने के लिए।


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