मद्रास हाई कोर्ट का तमिलनाडु सरकार को निर्देश, सभी मंदिरों में मोबाइल ले जाना बैन करें।
मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै पीठ ने तमिलनाडु सरकार को मंदिरों के अंदर मोबाइल फोन बैन करने को निर्देश दिया है।बेंच ने राज्य में मंदिरों की शुद्धता और पवित्रता बनाए रखने के लिए यह आदेश दिया है।बता दें कि देश के अधिकांश बड़े मंदिरों में पहले से ही मोबाइल फोन ले जाने पर रोक है।
मदुरै हाई कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए तमिलनाडु सरकार को आदेश दिया कि राज्य के मंदिरों में मोबाइल फोन ले जाने पर प्रतिबंध लगाया जाए।मंदिरों की शुद्धता और पवित्रता बनी रहेगी। दरअसल थूथुकुडी जिले के थिरुचेंदुर अर्चाकर सीतारमण ने पिछले महीने मद्रास हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। इससे पहले भी मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै बेंच ने नवंबर के दूसरे सप्ताह में निर्देश दिया था कि तिरुचेंदूर में श्री सुब्रमण्यम स्वामी के मंदिर के अंदर मोबाइल फोन के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया जाए।
मोबाइल की वजह से होती है यह परेशानी
याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा था कि मंदिरों में मोबाइल फोन की वजह से सुरक्षा का खतरा बना रहता है।इसके साथ ही कुछ पुजारी, सुरक्षा कर्मी और दर्शन करने आने वाले भक्त मंदिर के अंदर की तस्वीरें खींच वायरल करते हैं। भक्त मंदिर के अंदर ही सेल्फी लेने लगते हैं इस वजह से भी भीड़ कई बार अनियंत्रित हो जाती है। इसके साथ ही मोबाइल फोन की वजह से कई तरह की परेशानियां आती हैं। इसलिए, मंदिर के अंदर सेल फोन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।
मंदिर पर्यटक आकर्षण का केंद्र नहीं
न्यायमूर्ति आर. महादेवन और न्यायमूर्ति जे. सत्यनारायण प्रसाद की पीठ ने अपने फैसले में कहा कि मंदिर पर्यटक आकर्षण का केंद्र नहीं हैं। बता दें कि तमिलनाडु के मंदिरों में दर्शनार्थियों को मामूली कपड़े जैसे टी-शर्ट, जींस, शॉर्ट्स, लेगिंग आदि पहनने की अनुमति नहीं है।
इससे पहले मद्रास हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को बच्चों के यौन शोषण के खिलाफ बनाए गए कानून और नीतियों को सख्ती से लागू करने को कहा इसके साथ ही कहा कि शिक्षण संस्थानों में यौन उत्पीड़न के मामलों पर उचित तरीके से कार्रवाई नहीं की जा रही है।