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संवाद प्लस।

हिंदू धर्म में नवरात्रि का बहुत बड़ा महत्व है

हिंदू पंचांग के अनुसार अश्विनी मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि शारदीय नवरात्रा का शुभारंभ होता है और इस बार 26 सितंबर सोमवार से शारदीय नवरात्र शुरू हो रहे है। शारदीय नवरात्र घट स्थापना का मुहूर्त कब कब है और कैसे करें पूजा जाने और पढ़ें पूरी खबर।

गट अर्थात मिट्टी का घड़ा इसे नवरात्र के पहले दिन शुभ मुहूर्त के हिसाब से साबित किया जाता है घट को घर के ईशान कोण में स्थापित करना चाहिए घर से पहले थोड़ी सी मिट्टी डालें और फिर जो डालें फिर इसका पूजन करें जहां घट स्थापित किया जाता है उस स्थान को साफ करके वहां पर एक बार गंगाजल छिड़क कर उस जगह को शुद्ध कर लें उसके बाद एक चौकी पर लाल कपड़ा दिखाएं फिर मां दुर्गा की तस्वीर स्थापित करें या मूर्ति अब एकता में कलश में जल गए हैं।

उसके ऊपरी भाग पर लाल मूल्य बांधे उस क्लास में सिक्का अक्षत सुपारी लौंग का जोड़ा दुर्वा घास डालें अब कलश के ऊपर आम के पत्ते रखने से नारियल को लाल कपड़े में लपेट कर रखें कलर्स के आसपास फल मिठाई और प्रसाद रखें फिर कल स्थापना पूरी करने के बाद मां की पूजा करें ।

पूजा सामग्री

हल्दी कुमकुम कपूर जनेऊ धूपबत्ती आम के पत्ते पूजा के पान हार फूल पंचामृत गुड खोपरा बादाम सुपारी खारिक सिक्के नारियल पांच प्रकार के फल चौकी पाठ कुश का आसन और नैवेद्य

घट स्थापना के मुहूर्त

सुबह 6 बजकर 28 मिनट से 8 बजकर 1 मिनट तक ( अवधि 1 घंटा 33 मिनट)

घटस्थापना अभिजीत मुहूर्त- शाम 12:06 से 12:54 तक

प्रतिपदा तिथि 26 सितंबर को सुबह 3:30 से शुरू होकर 27 सितंबर को सुबह 3:08 तक रहेगी।

नवरात्रा तिथि और मां के नौ रूप

26 सितंबर प्रतिपदा मां शैलपुत्री ―27 सितंबर द्वितीया मां ब्रह्मचारिणी ―28 सितंबर तृतीय मां चंद्रघंटा ―29 सितंबर चतुर्थी मां कुष्मांडा ―30 सितंबर पंचमी मां स्कंदमाता―1 अक्टूबर षष्ठी मां कात्यायनी―2 अक्टूबर सप्तमी मां कालरात्रि―3 अक्टूबर अष्टमी मां गौरी―4 अक्टूबर नवमी मां सिद्धिदात्री ―5 अक्टूबर दशमी मां दुर्गा प्रतिमा विसर्जन

विर्सजन का मुहूर्त

विसर्जन दिनांक 5 अक्टूबर 2022 को प्रातः 6 बजकर 35 मिनिट से 8 बजे तक व दिन में 10 बजकर 31 मिनिट से 12 बजे तक दिन में सरस्वती विर्सजन श्रेष्ठ है इसी दिन दशहरा सांय रावण दहन भी होगा ।


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