जयपुर | पर्यटन मंत्रालय ने कृष्ण सर्किट के तहत प्रदेश में श्रीनाथजी (नाथद्वारा), गोविंद देवजी (जयपुर), कनक वृंदावन (जयपुर), चरण मंदिर (जयपुर), गलताजी मंदिर परिसर (जयपुर) और खाटू श्याम (सीकर) स्थलों के विश्वस्तरीय ढांचागत विकास की प्रस्तावित योजना को अंतिम रूप देकर कार्य लगभग सम्पन कर दिया है। इसकी लागत 98 करोड़ रु. बताई जा रही है। मंत्रालय ने स्वदेश दर्शन योजना के तहत हरियाणा, राजस्थान और गुजरात में कृष्ण और विरासत सर्किट के विकास के लिए 275 करोड़ रु. की परियोजना को मंजूरी दी थी। जिसमें प्रदेश के इन छह धार्मिक एवं पर्यटक स्थलों का विश्व स्तर का ढांचागत विकास शामिल है। इसके तहत यहां ऑडियो विजुअल और प्रोजेक्शन शो, स्थलों पर प्रकाश व्यवस्था, सौर प्रकाश व्यवस्था और सड़कों की प्रकाश व्यवस्था, पर्यटक सहायता केंद्रों का निर्माण, यात्री शेड, सड़क के किनारे सुविधाओं के ढांचागत विकास, पार्किंग, जनसुविधाओं, ओपन एयर थियेटर, सांस्कृतिक व्याख्या केंद्र, फव्वारे और बागवानी के विशेष कार्यों का ध्यान रखा गया है ।
कुरुक्षेत्र और उसके आसपास स्थित स्थलों को हरियाणा राज्य के कृष्णा सर्किट में शामिल किया गया है। गांधी थीम पर गुजरात की विरासत सर्किट में कुल परियोजना लागत 80 करोड़ रुपए होने का अनुमान है।
केंद्र सरकार के पर्यटन मंत्रालय ने भगवान राम और कृष्ण के जीवनवृत्त से जुड़े पौराणिक स्थलों को पर्यटन केंद्रों के रूप में विकसित करने के लिए रामायण व कृष्णा सर्किट योजना बनाई। योजना के तहत राम और कृष्ण से जुड़ी पौराणिक कथाओं का चित्रण करने वाले थीमटेक परिपथ बनाए जाने हैं। कृष्णा सर्किट योजना में केंद्र सरकार ने हरियाणा के कुरुक्षेत्र के साथ मथुरा के विभिन्न तीर्थस्थलों के जीर्णोद्धार के साथ सुंदरीकरण का प्रस्ताव बनाया।
सर्किट में यह क्षेत्र हैं शामिल
कृष्णा सर्किट प्रोजेक्ट में उप्र से मथुरा, वृंदावन गोकुल, गोवर्धन, बरसाना, नंदगांव के अलावा गुजरात का द्वारिका, हरियाणा में कुरुक्षेत्र, राजस्थान में नाथद्वारा, जयपुर, सीकर व उड़ीसा में पुरी को शामिल किया गया।