गहलोत सरकार रिपीट हो, इसके जवाब में मित्तल ने दिया विवादित बयान !
अंबे माता मंदिर बजरंगगढ़ में आयोजित भजन संध्या एक बार फिर से सियासी रंग में बदल गई। गहलोत गुट के करीबी प्रदेश के आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड ने मंच पर प्रसिद्ध भजन गायक कन्हैया मित्तल से कहा कि एक भजन ऐसा सुनाइए जिससे अपने अंदाज में कहा कि वे ना फूलों के साथ हैं ना हाथ के, वे केवल श्रीराम के साथ हैं इस बीच मोदी-योगी के नारे भी लगे। जिसके बाद आरटीडीसी चैयरमैन राठौड मंच से उठकर चले गए। जिसके बाद पूरे जागरण में सियासत छाई हुई दिखी।
प्रसिद्ध गायक कन्हैया मित्तल सोमवार रात 10:30 बजे जय अंबे माता मंदिर मंच पर पहुंचे तो जयकारों की गूंज से पूरा क्षेत्र गूंज उठा। मंच पर पहुंचने पर राज्य सरकार के आरटीडीसी चैयरमैन धर्मेन्द्र राठौड एवं प्रदेश वरिष्ठ नागरिक कल्याण बोर्ड के कार्यकारी उपाध्यक्ष एवं जय अम्बे माता मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष एडवोकेट राजेश टंडन ने उनका स्वागत किया और फिर यहां से भजन गायक मित्तल ने सियासत की भजन संध्या शुरू की।
मित्तल ने मचं पर भजन गाया हम उनको लाएंगे, जो राम को लाए है राजस्थान में फिर से भगवा लहराएगे
भजन गायक कन्हैया मित्तल ने मचं पर भजन गाया कि हम उनको लाएंगे, जो राम को लाए है राजस्थान में फिर से भगवा लहराएगे।गायक मित्तल ने काग्रेस के राज्य सरकार में मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास को भी भजन संध्या में याद किया। मित्तल ने हजारों श्रोताओ से भरे पडाल में कहा कि वह सीधी बात कहते है वह ना तो फूल के बंदे है, ना हाथ के बंदे है, जो राम के बंदे है, हम उनके बंदे है।
गायक मित्तल ने कहा कि भारत में मुगलों ने शासन किया फिर अग्रेजो ने शासन किया राम मन्दिर के निर्माण को लेकर मोदी व योगी को याद कर कहा कि यदि डॉक्टर मनमोहन सिंह का योगदान राम मंदिर निर्माण में रहता तो उनको भी याद किया जाता। भजन गायक मित्तल ने मंच पर टंडन को जन्मदिन की बधाई देते हुए कहा कि टंडन कट्टर काग्रेसी नेता है और उनके सहयोग से ही यह कार्यक्रम हो सका । मित्तल ने वापस आने का टंडन से वादा भी किया।
जय अंबे माता मंदिर सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष एडवोकेट राजेश टंडन ने बताया कि अंबे माता मन्दिर के 38 वां स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में भजन संध्या का प्रोग्राम रखा गया था।