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संवाद प्लस।

वजन कम है तो…

खाना खाते समय आयुर्वेद के नियमों का पालन करें। जैसे जब भूख लगे तो ही खाएं। खाते समय दूसरी क्रियाएं जैसे टीवी देखना या बातें न करें। ऐसा करने से भोजन सही से नहीं पच पाता है और शरीर को नहीं लगता। वजन बढ़ाने के लिए डाइट में दूध और केले लेना शुरू कर दें। भूख नहीं लगने पर आयुर्वेद में एक हिंग्वाष्टक चूर्ण होता है तो इसे आप खाने से पहले ले सकते हैं। रात को दस मुन्नका भी दूध के साथ ले सकते हैं, जिससे भूख बढ़ेगी, पाचन तंत्र ठीक रहेगा और वजन बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।

बार बार सर्दी जुकाम हो तो…

बार-बार सर्दी-जुकाम होता है तो मुंह में अदरक का टुकड़ा रखें।

वातावरण में प्रदूषण ज्यादा होने से सांस लेने में दिक्कत और इंफेक्शन का खतरा भी ज्यादा हो रहा है। जिससे बच्चे हो या बुजुर्ग अधिकतर लोगों में राइनाइटिस, खांसी-जुकाम की समस्या देखने को मिल रही है। बचाव के लिए एक अदरक के टुकड़े को मुंह में रखें। उसका रस धीरे-धीरे गले में जाता रहे। साथ ही पीने के पानी में भी शूंठी के चूर्ण को उबालकर पूरे दिन उसी को पीएं। रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए दूध के साथ च्यवनप्राश का भी सेवन कर सकते हैं। सांस नली को संक्रमण से बचाने के लिए जब भी बाहर जाएं नाक में दो बूंद सरसों या अणु तेल लगाकर ही निकलें।


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