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कांग्रेस में अब आगे क्या

संवाद प्लस। जयपुर

कांग्रेस की सियासी उठक पटक के बाद कुछ बिंदु ऐसे है जिन पर विचार व चिंतन जरूरी है❗इस सियासी खेल में कई दाव पेंच देखे जा रहे है।
गहलोत ने ऐसा चक्र व्यूह रच दिया कि राजनीति के बड़े बड़े दिग्गज मात खा गए।

इस पूरे खेल में अशोक गहलोत को तो कोई बड़ा नुकसान नहीं होगा। लेकिन इस शतरंज के खेल में शांति धारीवाल का बड़ा नुकसान होने के संकेत है! शांति धारीवाल का सियासी केरियर दाव पर ही लग गया…और इस खेल में उनके सुपुत्र की सियासी पटकथा भी प्रभावित नजर आ रही है।


दूसरी बात ये गौर करने लायक भी है कि जादूगर की जादूगरी से जो लोग कांग्रेस के खेमें में दूसरे दल से पाला बदल कर आये थे,आने वाले चुनाव में उन्हें कांग्रेस का उमीदवार कैसे बनाया जा सकता था इसलिए ये पट कथा लिखी गई हो सकती है! ताकि चुनाव के वक्त ऐसे विधायकों से कांग्रेस आसानी से पल्ला झाड़ सके !

एक तर्क ये भी दिया जा रहा है कि 92 विधायक गहलोत का इसलिए भी साथ छोड़ सकते है क्योंकि अगले चुनाव में इन्ही कांग्रेस विधायको को कांग्रेस पार्टी का टिकट चाहिए जो गहलोत नहीं दे पाएंगे इन्हें जाना तो सोनिया जी के पास ही पड़ेगा। इसलिए ये विधायक एक एक करके यदि 10 जनपथ की ओर मुड़ गए तब गहलोत-महेश जोशी-खाचरियावास और धारीवाल जैसे कद्दावर नेताओं का क्या होगा ये भी चिंतनीय है।
अभी तेल देखिये और तेल की धार देखिये…ऐसा माना जा रहा है की सचिन अभी कांग्रेस छोड़ेंगे नहीं वरन उन्हें पुनः उपमुख्यमंत्री के साथ गृहमंत्रालय जैसा विभाग दिया जा सकता है और इस मामले को फिलहाल ठंडा किया जा सकता है✍🏻


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