Share this news

संवाद प्लस।
लोकेन्द्र शर्मा की कलम से

आओ गौ माता को मरते देखें…और इस प्राकृतिक घटना का विशाल वार्षिकोत्सव व डांडिया आयोजन के साथ उल्लास भी मनाएं❗


ये पंगतियाँ पढ़ते हुए आपको अजीब सा लग रहा होगा… मुझे भी लिखते समय बड़ा दर्द हुआ… लेकिन लिखना मेरी मजबूरी है!
हम सभी को शर्म आनी चाहिए…एक तरफ गौ माता तड़प रही है और दूसरी तरफ हम उसी गौ माता की सेवा करने वाले श्रीकृष्ण के वार्षिकोत्सव पर ढोंग और पाखंड के साथ लाखों खर्च कर भगति के नाम पर मात्र मनोरंजन कर रहे है! क्या ऐसी भक्ति सार्थक कही जा सकती है❓

धर्म के ठेकेदार अपनी मस्ती में
जिस देश में गौ माता को साक्षात भगवान का दर्जा दिया गया हो, आज उसकी मौत पर सभी चुप चाप तमाशा देख रहे है…गौ माता को सरकार के भरोसे छोड़ धर्म के ठेकेदार अपनी मौज मस्ती में मस्त है।
आश्चर्य तो मुझे तब हो रहा है जब कुछ मंदिरों के संत महंत बड़े बड़े धार्मिक वार्षिकोत्सव डांडिया आदि में शरीक हो रहे है…क्या ये लोग ऐसे आयोजकों को इस वर्ष ऐसे मनोरंजन के कार्यों से रोकने की प्रेरणा नहीं दे सकते…ताकि यही पैसा गौ माता की सेवार्थ सही दिशा में उपयोग किया जा सके। पर नहीं ये तो वहां मुख्य अतिथि बनेंगे…पोस्टर विमोचन करेंगे…अपना रुतबा बढ़ाएंगे अपने शिष्यों पर प्रभाव बढ़ाएंगे…फिर चाहे गौ माता की कितनी ही दुर्दशा क्यों ना होती रहे❗


ऐसे सभी संत महंत आयोजक दान दाता आदि मेरी नजर में पाप के भागीदार कहे जा सकते है।
ये सभी आपको गौ माता पर बड़ी बड़ी ढींगे हांकते मिल व दिख जाएंगे लेकिन करेंगे कुछ नहीं…दोष के लिए सरकार को जिम्मेदार मानकर इति श्री कर लेंगे।
जरा सोचिए जिस गौ माता में सभी देवी देवताओं का वास माना गया है…यदि आज वो प्राकृतिक आपदा के चलते मर रही है…तब ये विचार भी किया जाना चाहिए कि ऐसे में मर कौन रहा है❗

आजकी दशा अनुसार गौ माता के लिए ये कहना लाजमी है
अच्छा चलता हूँ गौ मैय्या
फिर मिलेंगे गोपाष्टमी व बछ बारस पर… परम्परा अनुसार मात्र खाना पूर्ति की पूजा के साथ।
हालांकि इस लेख के माध्यम से मैं उन लोगों का धन्यवाद भी ह्रदय से प्रेषित करता हूँ जो जाग्रत होकर गौ माता की सेवा में दिन रात लगे हुए है।

जय गौ मैय्या


Share this news