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संवाद प्लस।
बाबा श्याम के परम भक्तों में महाराज आलू सिंह जी का नाम सबसे पहले लिया जाता है…इसका सबसे बड़ा कारण उनके द्वारा बाबा के प्रचार में दिया गया समर्पण है ,यही कारण है की आज कई बड़े मंडलों में बाबा श्याम के श्री चरणों में सभी देवी देवताओं के बाद झांकी में स्थान दिया जाता है।वैसे उनके गुरु श्री श्याम बहादुर जी को भी उतना ही महत्व दिया जाता रहा है। दूसरा कारण मंदिर में 365 दिन बजने वाली आरती और प्रार्थना में महाराज आलू सिंह जी के नाम को गया जाना है। महाराज आलू सिंह जी को समर्पित यही आरती देश विदेश के लाखों करोड़ों श्याम भक्तों द्वारा गाई जाती है। इस क्रम में भक्तों द्वारा उनकी समाधि स्थल श्याम बगीची में उनकी याद में 2 अक्टूबर को उनकी पुण्य तिथि पर उनके उत्तराधिकारी महाराज मोहनदास जी के सानिध्य में भजन संध्या व विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है।
पिछले दो वर्षों से महामारी के चलते ये आयोजन सरकार की गाइड लाइन अनुसार सूक्ष्म रूप से सम्पन किया गया था। परंतु इस वर्ष भक्तों का समर्पण भाव देखकर महंत आलू सिंह जी महाराज के उत्तराधिकारी गादीपति मोहनदास महाराज ने श्याम बगीची में होने वाले पुण्य तिथि के कार्यक्रम के बारे में सूचित किया कि इस वर्ष भक्त शिरोमणि श्यामलीन महंत आलू सिंह जी महाराज की 33 वी पुण्य तिथि पर 1 अक्टूबर रात्रि को भजन संध्या व 2 अक्टूबर को बगीची में भंडारा आयोजित होगा। इस कार्यक्रम में भक्तों के साथ मोहनदास महाराज सोहन सिंह सावधान सिंह लक्ष्मण सिंह व नरेंद्र सिंह द्वारा अपने दादा गुरु के चरणों में श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी।


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