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संवाद प्लस

केंद्र सरकार का कौशल विकास मंत्रालय पुजारियों और कर्मकांड से जुड़े लोगों को प्रशिक्षित कर स्वरोजगार से जोड़ने की योजना तैयार कर चुका है। अगले कुछ महीने में देशभर में लाखों पुजारियों को ट्रेनिंग दी जायेगी। कई धार्मिक संस्थाओं को भी केंद्र सरकार प्रशिक्षण की योजना से जोड़ने जा रही है,इसके लिए केंद्र सरकार इन्हें भुगतान करेगी ट्रेनिंग प्रोग्राम पर कितनी रकम खर्च होगी इस बारे में अभी कोई भी जानकारी उपलब्ध नहीं है। पुजारियों के प्रशिक्षण के लिए देशभर में रजिस्ट्रेशन शुरू किए जा चुके हैं। इस क्रम में सबसे अधिक 56000 रजिस्ट्रेशन तमिलनाडु में किए गए हैं दक्षिण भारत में पुजारियों को ट्रेनिंग के कोर्स की अवधि 6 महीने तय की गई है।जबकि अन्य जगहों पर 3 से 6 महीने की ट्रेनिंग दी जाएगी इसकी वजह यह है कि पूजा-पाठ कर्मकांड आदि में पढ़े जाने वाले श्लोकों और मंत्रों का अंग्रेजी व हिंदी अनुवाद भी सिखाया जाना है जो कि हिंदी भाषी क्षेत्र में हिंदी अनुवाद सीखने की जरूरत नहीं होगी इसलिए इन इलाकों में कोर्स 3 महीने का होगा वहीं दूसरी और तमिलनाडु तेलंगाना समेत दक्षिण के अन्य राज्यों में हिंदी अनुवाद सिखाने के लिए 3 महीने का अतिरिक्त समय तय किया गया है प्रशिक्षण के विषयों में ऑनलाइन पूजा भी शामिल है इसके लिए 1 हफ्ते का कोर्स करना होगा मंत्रालय का मानना है कि आने वाले समय में ऑनलाइन पूजा कराने का चलन तेजी से बढ़ेगा इसलिए पुजारियों को इसके लिए पहले से तैयार करना जरूरी है सूत्रों के अनुसार ट्रेनिंग की तारीखें अभी घोषित नहीं हुई है।

ट्रेनिंग के कोर्स

ग्रह पूजा शादी मुंडन श्राद्ध जैसे संस्कार के लिए मंत्र पूजा पद्धति और उनके क्रम पित्र पक्ष में तर्पण जैसे कर्मकांड

गरुड़ पुराण और सत्यनारायण कथा का विधिवत पाठ और पूजा ज्योतिष गणना और ग्रह नक्षत्रों के बारे में संपूर्ण जानकारी

राज्य और क्षेत्र के हिसाब से संस्कारों का प्रशिक्षण

प्रशिक्षण के बाद एक सर्टिफिकेट मिलेगा इसकी पूरी जानकारी कॉमन वेबसाइट पर दर्ज होगी ट्रेनिंग देने वाली संस्थाएं पुजारियों को विभिन्न वर्गों में बांट कर पाठ कराने वाले कर्मकांड कराने वाले पूजा कराने वाले आदि क्लस्टर बनाने में सरकार की मदद करेंगे इससे लोगों को इनकी सेवाएं लेने में आसानी होगी इससे न तो पुजारियों की कमी होगी और ना ही उन्हें काम मिलने की चिंता रहेगी।


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