गोनेर लगभग 500 वर्ष पूर्व साक्षात प्रकटे श्रीलक्ष्मीजगदीशजी महाराज बुधवार दिनांक 7 सितम्बर, 2022 भाद्रपद शुक्ल जलझूलनी एकादशी को जगन्नाथ सरोवर में नौका विहार करेंगे।
मंदिर प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष एवं महन्त हनुमान दास जी ने बताया कि भगवान जगन्नाथजी को सांयकाल 05 बजे नौका विहार हेतु मंदिर प्रांगण से पालकी में विराजमान कर जगन्नाथ सागर तक ले जाया जायेगा। नौका में पालकी सहित भगवान जगन्नाथजी को विराजमान कर सरोवर में भ्रमण कराया जायेगा। इस शोभा यात्रा का मुख्य आकर्षण भगवान जगन्नाथ को पालकी में विराजमान कर बैण्ड बाजे के साथ भजन मण्डलिया, सजे-धजे घोड़ों के साथ स्थानीय विद्यालयों तथा अन्य स्वयंसेवी संस्थाओ द्वारा आकर्षक झाकियों के साथ जगन्नाथ सागर तक जलविहार हेतु ले जाया जाता है। महन्त हनुमान दास ने बताया कि सरोवर में भ्रमण के दौरान संध्याकाल के समय सागर की पाल पर प्रथम महन्त श्री देवादासजी के आश्रम / मंदिर तथा विजयहनुमान मंदिर की और से आरती उतारी जायेगी तत्पश्चात् भगवान वापस पालकी में विराजमान होकर हरमंदिर में आयेंगे। वापसी पर भगवान जगन्नाथजी का विभिन्न व्यक्तियों / संस्थाओं / स्थानीय निवासियों द्वारा पूजन आरती उतारी जाती है। इस जलभूलणी एकादशी शोभा यात्रा में हजारों की संख्या में दर्शनार्थी शामिल होते है। जगन्नाथ सागर की पाल पर विराजमान श्री विजयहनुमान मंदिर में द्वादश ज्योर्तिलिंग भगवान (शिवजी) की विशाल एवं भव्य झाँकी का भी आयोजन किया जायेगा। यह जलविहार यात्रा जयपुर नगर तथा इसके आस-पास में आयोजित होने वाली जल-विहार यात्राओं में एक विशिष्ट महत्व रखती है।