राणी सती मंदिर राजस्थान का पहला धार्मिक स्थल, जहां इतनी बड़ी मात्रा में होगा बिजली का उत्पादन
झुंझुनूं धार्मिक स्थल राणी सती मंदिर में मार्च-24 के बाद हर महीने होगा 45 हजार यूनिट बिजली का उत्पादन
संवाद प्लस।
विश्व विख्यात राणी सती मंदिर अब सौर ऊर्जा से रोशन होने लगा है। यह प्रदेश का पहला ऐसा धार्मिक स्थल है, जहां इतनी बड़ी मात्रा में बिजली का उत्पादन होगा। इसके लिए मंदिर परिसर के 13 में से 2 चौक के भवन की छत पर 2.21 करोड़ रुपए खर्च कर 350 किलोवॉट का मेटरिंग आधारित सोलर प्लांट लगाया गया है। जिससे गर्मी के दिनों में हर महीने 45 हजार यूनिट से ज्यादा बिजली बनेगी। इससे मंदिर समिति को बिजली बिल की काफी बचत होगी। राणी सती मंदिर ट्रस्ट बोर्ड के अध्यक्ष देवेंद्र झुंझुनुवाला ने बताया कि यह सिस्टम मार्च महीने तक ट्रायल पर है। मेटनेस का काम भी संबंधित कंपनी द्वारा ही किया जा रहा है। इस दौरान बनने वाली बिजली से मंदिर को डिस्कॉम से हर महीने करीब 4 लाख रुपए की राहत मिलने लगी है। ये राहत मार्च महीने में बढ़कर दोगुनी हो सकती है। ट्रस्ट बोर्ड निर्णय के बाद कलेक्टर व डिस्कॉम के अधिकारियों की स्वीकृति के बाद इस प्रोजेक्ट को शुरू किया गया है। इसके तहत मंदिर परिसर के 2 चौक में बने भवन की छत पर सोलर प्लेट्स लगाई गई हैं।
देशभर में यह संभवतया अकेला ऐसा मंदिर हैं
जहां मंदिर परिसर के भीतर ही 650 से ज्यादा कमरे हैं। इनमें डेढ़ सौ कमरों में तो एसी लगे हुए हैं। इन कमरों में अटैच्ड लेट बाथ की सुविधा है। मंदिर परिसर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु बैठकर भोजन कर सकें, इतना बड़ा भोजनालय है। रेडक्रॉस सोसायटी व जिला पुस्तकालय का भवन भी यहां ट्रस्ट की ओर से बनवाया गया है।