(नियम 2सी, 11एए और 17ए) में बदलाव किए हैं। संशोधित नियम 1 अक्टूबर 2023 से ही लागू होंगे।
संवाद प्लस।
नए बदलाव के मुताबिक, एक दिन में किसी व्यक्ति से 2 लाख रुपये से अधिक दान मिलने पर दान देने वाले का नाम-पता, भुगतान की राशि और पैन की जानकारी भी धर्मार्थ संस्था को अब देनी जरूरी हो गई है।
आयकर विभाग ने आयकर छूट का दावा करने वाले धर्मार्थ संस्थानों के लिए खुलासा मानकों में बदलाव किए हैं। इसे लेकर अब विभाग की ओर से अतिरित्त विवरण देने को कहा गया है। आयकर नियमों में किए गए संशोधन 1 अक्टूबर से लागू होंगे। इसके मुताबिक, धर्मार्थ संस्थानों को अब यह खुलासा करना होगा कि उनकी गतिविधियां धर्मार्थ, धार्मिक या धार्मिक-सह- धर्मार्थ किस तरह की हैं। इसके अलावा एक दिन में किसी व्यक्ति से दो लाख रुपये से अधिक दान मिलने पर दान देने वाले का नाम-पता, भुगतान की राशि और पैन की जानकारी भी धर्मार्थ संस्था को अब देनी होगी।
नांगिया एंडरसन एलएलपी के साझेदार विश्वास पंजियार ने आयकर नियमों में किए गए इस संशोध पर जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार ने हाल ही में कर छूट का दावा करने या आयकर अधिनियम के तहत 80 जी प्रमाणपत्र पाने के लिए धर्मार्थ संस्थानों के लिए लागू पंजीकरण जरूरत को भी नया रूप दिया था। पंजियार ने कहा, ‘सरकार ने अब आयकर नियमों (नियम 2सी, 11एए और 17ए) में बदलाव किए हैं। संशोधित नियम 1 अक्टूबर 2023 से ही लागू होंगे। इसके अलावा संबंधित फॉर्म के अंत में दिए गए अंडरटेकिंग में भी थोड़े बदलाव किए गए हैं।’
इन्हें टैक्स से मिलती है छूट
आयकर कानून के तहत धर्मार्थ संस्थानों, धार्मिक ट्रस्टों और चिकित्सा व शैक्षणिक संस्थानों की आय को से छूट मिली हुई है। हालांकि, इस छूट के लिए इन संस्थानों को आयकर विभाग के पास रजिस्ट्रेशन कराना होता है।