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संवाद प्लस।
लोकेन्द्र शर्मा की कलम से
खाटू श्याम जी।
वर्षो पहले बाबा श्याम का एक भाव पूर्ण भजन बनाया गया जिसके बोल थे
“तेरह पेढिया ऊपर म्हारे,
श्याम को बंगलो,
सारे जग में राज करे है,
म्हारो सेठ सावरों”


इस भजन में बाबा श्याम के मंदिर दर्शन के महत्व के साथ भक्त के मंदिर की ओर बढ़ते कदमों का वर्णन किया गया है। एक एक पेड़ी में छिपी भावनाओ के पीछे छिपे प्रेम भक्ति को इस भजन के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है।
यहां इस भजन का विश्लेषण इसलिए करना आवश्यक है क्योंकि वर्तमान में मंदिर विस्तार का काम चल रहा है ऐसे में अब ये 13 पेढ़ीयां भजन एक बीते युग की बात होने को है!
प्रश्न ये है क्या ये 13 पेढ़ीयां भजन अब इतिहास हो गया है❓या भविष्य में इस भजन के आधार पर पुनः 13 पेढ़ीयां चढ़ कर बाबा श्याम के दर्शन सम्भव होंगे!
मेरा मानना है बाबा श्याम के दर्शन वैसे तो किसी भी मार्ग से करें लेकिन इन 13 पेढ़ीयों का करिश्मा ऐसा है कि अर्जी तो इसी मार्ग से लगती है और 100 प्रतिशत पूरी भी होती है।

हालांकि पिछले कई वर्षों से दर्शन सुविधा को ध्यान में रखते हुए इन पेढ़ीयों पर रेम्प बना दिया गया था।
लेकिन लगता है कि 13 पेढ़ीयों वाला ये युग अब समाप्त होने को है।
इस भजन के एक एक शब्द को पढ़िए/गाइये आप बाबा श्याम के समक्ष अपने आप को महसूस करेंगे। इस भजन में रचनाकार ने शब्द रूपी माला से बाबा श्याम के समक्ष अर्जी व प्रेम का श्रृंगार किया है।


रचनाकार को कोटि कोटि वंदन के साथ लीजिए आनंद इस भजन का…..

तेरह पेढिया ऊपर म्हारे,
श्याम को बंगलो,
सारे जग में राज करे है,
म्हारो सेठ सावरों,
सेठ सावरों जी
म्हारो सेठ सावरों।

● पहली पेरही पग धरताही,
मिट जा सब संताप,
दूजी तीजी पेरहि करदे,
मैल मना का साफ़,
ओ चौथी पेहरी चढ़ता भूल्या,
दुनियादारी को रगड़ो।

सारे जग में राज करे है,
म्हारो सेठ सावरों।

● पांचवीं पेहरी के ऊपर,
नोबत जोर बजावां,
मिलने आ गया टाबरिया,
यो डंको मार बतावां,
ओ छट्टी सातवीं पेहरी चढ़कर,
बोला जयकारो तगड़ो।

सारे जग में राज करे है,
म्हारो सेठ सावरों।।

● आठवीं पेहरी ऊपर सारी,
तन की पीड़ा भागे,
नौंवी पेहरी चढ़ता चढ़ता,
सूती किस्मत जागे,
ओ दसवीं पेहरी भेद मिटावे,
झूठी माया को सगलो।

सारे जग में राज करे है,
म्हारो सेठ सावरों।।

● ग्यारवी पेहरी चढ़ता दिखे,
खाटू रो सिरदार,
बारवीं पेहरी पर होवे,
अंतर की फुहार,
ओ सरिता तेरहवी पेहरी लागे,
मोरछड़ी को फटको।

सारे जग में राज करे है,
म्हारो सेठ सावरों।।

● तेरह पेढिया ऊपर म्हारे,
श्याम को बंगलो,
सारे जग में राज करे है,
म्हारो सेठ सावरों,
सेठ सावरों,
जी म्हारो सेठ सावरों।।


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